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हिंदी भाषा

विश्व हिंदी दिवस

प्रतियोगिता के लिये

हिंदी भाषा  मातृ सम, करिये इससे प्यार।
गौरव है ये देश का, सब मिल करें प्रसार।।

हिंदी है मन भावनी,  जैसे मधु का घोल।
मन के अंदर बैठती, बोले हिंदी बोल।।

भावों की है गागरी, गुण की है ये खान।
पाली प्राकृत से सजी, है जन का अभिमान।।

सरल सहज लिपि नागरी, शब्द कोष की कुंज।
अलंकार रस शोभती, सप्त सुरों की पुंज।।

मीरा तुलसी सूर कवि, केशव अरु रसखान।
पंत निराला कर गये, हिंदी  का गुणगान।।

बिंदी माथे पर सजी,  हिंदी सबकी शान
बच्चे सीखें सब इसे, खूब बढ़ायें माहिंदी भाषा मातृ सम, करिये इससे प्यार।
गौरव है ये देश का, सब मिल करें प्रसार।।

हिंदी है मन भावनी, जैसे मधु का घोल।
मन के अंदर बैठती, बोले हिंदी बोल।।

भावों की है गागरी, गुण की है ये खान।
पाली प्राकृत से सजी, है जन का अभिमान।।

सरल सहज लिपि नागरी, शब्द कोष की कुंज।
अलंकार रस शोभती, सप्त सुरों की पुंज।।

मीरा तुलसी सूर कवि, केशव अरु रसखान।
पंत निराला कर गये, हिंदी का गुणगान।।

बिंदी माथे पर सजी, हिंदी सबकी शान
बच्चे सीखें सब इसे, खूब बढ़ायें मान।।

स्नेहलता पाण्डेय \\\'स्नेह\\\'

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3 Comments

अदिति झा

12-Jan-2023 04:39 PM

Nice 👍🏼

Reply

Abhinav ji

11-Jan-2023 09:58 AM

Very nice 👌👍

Reply

Gunjan Kamal

11-Jan-2023 12:17 AM

शानदार प्रस्तुति 👌🙏🏻

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